ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं ये उत्कृष्ट रचना मुंशी प्रेमचंद्र जी की हैं
पुत्र-प्रेम एक क्षण के लिए अर्थ-सिद्धांत पर गालिब हो जाता है पुत्र-प्रेम एक क्षण के लिए अर्थ-सिद्धांत पर गालिब हो जाता है
कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है। कदाचित सीधापन संसार के लिए उपयुक्त नहीं है।
चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं। चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं।
दुकानदार ने कहा-बाबूजी बड़े मजेदार सेब आये हैं, खास कश्मीर के। आप ले जाएँ, खाकर तबीयत खुश हो जाएगी। दुकानदार ने कहा-बाबूजी बड़े मजेदार सेब आये हैं, खास कश्मीर के। आप ले जाएँ, खाकर ...
मैं ब्राह्मण हूँ, जब तक यह सवाल पूरा न कीजिएगा, द्वार से न हटूँगा। मुंशी वंशीधर ने उस कागज को पढा त... मैं ब्राह्मण हूँ, जब तक यह सवाल पूरा न कीजिएगा, द्वार से न हटूँगा। मुंशी वंशीधर...